संत अच्युतानंद दास ने ताड़ के पत्तों पर 185 हज़ार ग्रंथों की रचना की…जो आज भविष्य मालिका पुराण के रूप में पुरी के मठों में सुरक्षित है…मठों में सुरक्षित इसी ज्ञान को पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी जनकल्याण के लिए हिंदी समेत कई अन्य भाषाओं में प्रकाशित कर रहे हैं….ताकी मनुष्य जाति सनातन आर्य वैदिक परंपरा का अनुपालन कर आने वाले महाविनाश से ख़ुद की रक्षा कर सके…भविष्य मालिक पुराण के हवाले से परम पूजनीय पंडित श्री काशी नाथ मिश्र जी की देव वाणी क्या कहती है, इसके लिए देखिये धर्म ज्ञान।